शाजापुर विधानसभा चुनाव के एक पिटीशन का मामला मई 2021 में चला। इस पिटीशन में विधायक चुनाव के दौरान गठित होने वाली गठबंधन से जुड़े कई अनियमितताओं का जिक्र किया गया था। पिटीशन में यह भी दावा किया गया कि विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग द्वारा नियमों का उल्लंघन हुआ और चुनाव प्रक्रिया में अन्य अनियमितताएं भी थीं।पिटीशन में प्रमुख आरोप थे कि चुनाव के दौरान गठबंधन के लाभार्थियों को अनुचित तरीके से उत्तराखंड से लाकर विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार किया गया था। इसके अलावा, चुनाव प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के मामले भी सामने आए थे। विधायक चुनाव में चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे थे।पिटीशन के दावे के बाद, विधायक चुनाव में जीत दावेदार ने भी इस मामले का समर्थन किया और चुनाव आयोग को विधानसभा चुनाव में नियमों का पालन करने की मांग की। उन्होंने कहा कि उनके विरुद्ध गठबंधन द्वारा अनुचित तरीके से चुनाव प्रचार किया गया था और उन्हें इसका नुकसान हुआ था।पिटीशन के दावों को सुनने के बाद, उच्च न्यायालय ने इस मामले पर गहराई से जांच करने का आदेश जारी किया। उच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग को भी इस मामले में जवाब देने का निर्देश दिया और उन्हें पिटीशन के दावों का समर्थन करने की जांच करने का निर्देश दिया।इस प्रकार, शाजापुर विधानसभा चुनाव के एक पिटीशन का मामला एक बड़ा मुद्दा बन गया था जिसने समाज में खलबली मचा दी और चुनाव प्रक्रिया में सुधार की मांग को उजागर किया। इस मामले की जांच के बाद, एक स्पष्ट और न्यायसंगत निर्णय की उम्मीद है जो लोगों के विश्वास में सुधार ला सके।